JHARKHAND-झारखंड पुलिस कि अब तक कि सबसे बड़ी करवाई ? पूरी तरह से किया गया पूर्ण विनष्ट ?
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JHARKHAND-झारखंड पुलिस कि अब तक कि सबसे बड़ी करवाई ? पूरी तरह से किया गया पूर्ण विनष्ट ?

RANCHI- रांची पुलिस के द्वारा तमाड़, बुंडू, सोनाहातु, राहे, नामकुम एवं दशमफ़ाल एवं अन्य थाना क्षेत्र में अवैध रूप से किए जा रहे अफीम की खेती को ट्रैक्टर तथा ग्रास कटर मशीन चला कर पूर्ण विनष्ट किया गया।

रांची पुलिस अफीम की फसल नष्ट करने के लिए लगातार अभियान चला रही है. जिसमें पुलिस को अप्रत्याशित सफलता भी हाथ लगी है.अफीम तस्करों को इस बार अफीम का मौसम रास नहीं आने वाला है. पुलिस की लगातार कार्रवाई के कारण इस वर्ष अफीम तस्करों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. राजधानी रांची सहित राज्य के तमाम वैसे इलाके जहां अफीम की फसल उगाई गई है, उन्हें युद्ध स्तर पर नष्ट किया जा रहा है. अफीम नष्ट करने के लिए पुलिस की टीम ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर मैदान में उतर चुकी है.


दिनांक 06.02.25 को पुलिस उप-महानिरीक्षक-सह-वरीय पुलिस अधीक्षक रांची के निर्देशानुसार, सुमित कुमार अग्रवाल पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रांची के निर्देशन में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बुंडू के नेतृत्व में तमाड़, बुंडू, सोनाहातु, राहे, नामकुम, अनगड़ा एवं दशमफॉल एवं ग्रामीण क्षेत्र के अन्य थाना प्रभारी के द्वारा

1. बुंडू थाना अंतर्गत 29 एकड़
2. तमाड़ थाना अंतर्गत 25 एकड़
3. दशामफाॅल थाना अंतर्गत 10 एकड़
4. सोनाहातु थाना अंतर्गत 03 एकड़
5. राहे थाना अंतर्गत 03 एकड़
6. नामकुम थाना अंतर्गत 07 एकड़
7. अनगड़ा थाना अंतर्गत 04 एकड़
सुदूरवर्ती ग्रामीण व जंगली क्षेत्र में लगभग 81 एकड़ लगे अफीम को ट्रैक्टर, ग्रास कटर मशीन एवं पुलिस बल के द्वारा विनष्ट किया गया।

झारखंड में उगाई जाने वाली अफीम की फसल क्यों खतरनाक है, इसके पीछे कई वजह हैं. पहली वजह तो यह है की अफीम की फसल से करोड़ों की कमाई होती है. जिसका एक बड़ा हिस्सा नक्सलियों और उग्रवादियों तक पहुंचता है. जिसका इस्तेमाल वे पुलिस के खिलाफ करते हैं. वहीं अफीम एक ऐसी नशीली फसल है जिसके पौधे का एक-एक पार्ट का इस्तेमाल नशे के लिए होता है. अफीम से ही ब्राउन शुगर जैसा घातक मादक पदार्थ बनता है. जबकि इसके डोडे का इस्तेमाल भी नशे के लिए किया जाता है. यही वजह है कि अफीम की फसल के खिलाफ झारखंड में जोरदार अभियान चलाया जा रहा है.